Dhanteras 2024: धनतेरस: समृद्धि और सुख का पर्व
धनतेरस, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इसका बहुत ही ज्यादा विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि के अमृत कलश के साथ प्रकट होने का प्रतीक माने जाते हैं. इसलिए इसे “धनत्रयोदशी” भी कहा जाता है. इस पावन दिन की मान्यता है कि यह समृद्धि, स्वास्थ्य, और दीर्घायु का आशीर्वाद देता है. हर साल यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को बड़े उल्लास से मनाया जाता है.
धर्मशास्त्रों में भी कहा गया है कि
“धन्यो धर्मो यथा लोके, सर्वस्य त्रायते नरम्।”
अर्थात, धर्म और धन दोनों ही मनुष्य की रक्षा करते हैं और उसे जीवन में समृद्धि की ओर ले जाते हैं. धनतेरस पर संपत्ति और स्वास्थ्य की देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करके व्यक्ति जीवन में शांति, समृद्धि, और खुशहाली प्राप्त कर सकता है.
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन विशेष वस्तुओं का क्रय करना शुभ और लाभकारी माना जाता है. इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू और धनिया खरीदने की परंपरा रहती है. ऐसा माना जाता है कि इन वस्तुओं की खरीदारी से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अपने घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है. इस परंपरा के पीछे धार्मिक मान्यता है कि ये वस्तुएं घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और सभी प्रकार के कष्टों का नाश करती हैं.
धनतेरस पर क्यों खरीदे जाते हैं बर्तन
धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा का भी विशेष धार्मिक आधार है. कहा जाता है कि जब भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था. इसलिए, इस दिन बर्तन खरीदना अमृत के समान शुभ और जीवनदायिनी ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यह परंपरा इस विश्वास को प्रकट करती है कि बर्तन घर और जीवन में समृद्धि और सकारात्मकता-पोसीटिविटी लाते हैं.
कब है धनतेरस 2024?
धनतेरस का पर्व इस वर्ष 2024 में मंगलवार, 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर, सुबह 10:31 बजे से होगा और इसका समापन 30 अक्टूबर, दोपहर 1:15 बजे पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जो इस दिन को अत्यंत शुभ बनाता है.
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को गोधूलि वेला में शाम 6:31 बजे से रात 8:31 बजे तक रहेगा. इस समय के दौरान लक्ष्मी माता और भगवान धन्वंतरि की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.
“श्री: प्रजननं धनं धान्यं पषुर्वृद्धिर्न सन्देहः।”
इस श्लोक के अनुसार, जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से लक्ष्मी पूजन करता है, उसके घर में धन-धान्य, समृद्धि, और पौरुष की वृद्धि होती है. धनतेरस का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी है. इस दिन की पूजा और परंपराएं हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाती हैं, जो परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम और एकता को मजबूत करती हैं.
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