18 साल के लंबे इंतजार के बाद जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आखिरकार आईपीएल 2025 का खिताब अपने नाम किया, तो पूरे बेंगलुरु शहर में खुशी की लहर दौड़ गई। जश्न की तैयारियां जोरों पर थीं — टीम के लिए ओपन बस विक्ट्री परेड की घोषणा हो चुकी थी, मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम खिलाड़ियों से मिल चुके थे, और चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों लोग इकट्ठा थे।
RCB Stampede: ट्रॉफ़ी बली माँगती है?
अरसे बाद क्रिकेट फैंस में viratian के चेहरे पर रौनक आई थी लेकिन ये रौनक कब इस तबाही में बदल जाएगी किसी ने सोचा नहीं था। चिन्नास्वामी में आज ये घटना सरकार की असफलता और फैंस दोनों का पागलपन दिखाता है। हालांकि ये पहली बार नहीं है की जब किसी भी मौके पर फैंस इकट्ठे हुए हो और कोई अप्रिय घटना घटी हो। अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं तो क्या ये मान लिया जाये की ट्रॉफी बली माँगती है? अब ये आप पर निर्भर करता है की आप इसको किस तरीक़े से देखते हैं। आइये हम आपको बताते हैं इस भगदड़ का घटनाक्रम
लेकिन तभी जश्न का रंग ऐसा बदला कि बेंगलुरु की सड़कों पर खुशियों की जगह चीख-पुकार गूंजने लगी।
RCB और चिन्नास्वामी स्टेडियम
4 जून, बुधवार की शाम। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आरसीबी (RCB) की विक्ट्री परेड विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक निकाली जानी थी। तय समय शाम 5 बजे था। लेकिन इससे पहले ही स्टेडियम के मेन गेट के पास भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
कुछ ही मिनटों में हालात बेकाबू हो गए। लोगों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई, और तभी हल्की बारिश शुरू हो गई। बारिश के डर से लोग इधर-उधर भागने लगे। इसी अफरा-तफरी में वहां मौजूद हजारों की संख्या में लोग एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए। भयानक भगदड़ मच गई।
RCB stampede: अब तक क्या हुआ नुकसान?
🔴 11 लोगों की मौत — जिसमें एक महिला भी शामिल है
🏥 50 से ज्यादा लोग घायल, कई की हालत गंभीर
🧒 एक बच्चा भी बेहोश मिला, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया
घायलों को दो प्रमुख अस्पतालों में भर्ती कराया गया:
- Bowring Hospital — जहां 19 लोगों को भर्ती किया गया और 7 की मौत हुई
- Vaidehi Hospital (Mallya Road) — 8 लोगों को भर्ती किया गया, जिसमें 4 की मौत हुई
RCB की जीत का जश्न क्यों बदल गया मातम में?
इस हादसे के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
- भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की विफलता
- मौसम की अनदेखी (बारिश की आशंका थी)
- विक्ट्री परेड की घोषणा में जल्दबाज़ी और असंगठित प्लानिंग
- पर्याप्त इमरजेंसी मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस की कमी

राजनीतिक प्रतिक्रिया
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने कहा:
“हमें आरसीबी और कर्नाटक पर गर्व है, लेकिन ये एक अनियंत्रित भीड़ थी। हम जुलूस निकालना चाहते थे, लेकिन स्थिति हाथ से निकल गई। हम सभी से माफ़ी मांगते हैं।”
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी आरसीबी टीम से मिलने पहुंचे थे। हादसे के बाद उन्होंने आपातकालीन सेवाओं को तेज़ करने और घायलों की हरसंभव मदद का निर्देश दिया।
क्या ये हादसा टल सकता था?
इस सवाल का जवाब ‘हां’ है। अगर:
- भीड़ के आंकड़े पहले से आकलन कर लिए जाते
- ट्रैफिक रूट प्लानिंग और इमरजेंसी प्रोटोकॉल तय होता
- पब्लिक को फिक्स एंट्री टाइम और स्लॉट दिए जाते
- और अगर परेड को टेलीविज़न और डिजिटल माध्यमों से लाइव दिखाने की प्राथमिकता दी जाती
तो शायद आज 11 परिवार अपने अपनों को खोने से बच जाते।
RCB की जीत की जगह एक सवाल
आरसीबी की जीत ऐतिहासिक है — कोई शक नहीं। विराट कोहली की निष्ठा, टीम की मेहनत, और फैंस का समर्थन इस ट्रॉफी में दर्ज है। लेकिन ये सवाल भी अब इतिहास में दर्ज रहेगा:
क्या कोई जीत इतनी बड़ी होती है कि वो किसी की जान ले सके?

इस दर्दनाक हादसे ने हमें फिर याद दिलाया कि कोई भी सार्वजनिक आयोजन केवल उत्सव नहीं होता — यह जिम्मेदारी भी होता है।
आज जरूरत है संवेदनशील प्लानिंग की, इंसानी जीवन को प्राथमिकता देने की और तकनीक की मदद से भीड़ प्रबंधन के नए रास्ते खोजने की।
RCB की ट्रॉफी भले ही बेंगलुरु में है, लेकिन जीत का जश्न अब आंसुओं में डूब चुका है।
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