भाजपा की चर्चित नेता नूपुर शर्मा एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गई हैं. बहराइच हिंसा पर दिए गए उनके बयान के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया है. हालांकि, बढ़ते विवाद को देखते हुए नूपुर शर्मा ने तुरंत सोशल मीडिया के जरिए माफी मांग ली है और अपील की है कि विवाद को खत्म किया जाए.
नूपुर शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा था, वह उन्होंने मीडिया में सुनी बातों के आधार पर कहा था. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या तथ्य सामने आए थे.
क्या कहा नूपुर शर्मा ने?
बुलंदशहर में ब्राह्मण एकता दिवस के कार्यक्रम में नूपुर शर्मा ने कहा, “अगर हम बटेंगे तो कटेंगे. आपने देखा कि किस तरह बहराइच में राम गोपाल मिश्रा को बेरहमी से मारा गया. उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि उन्हें 35 गोलियां मारी गईं और उनके नाखून उखाड़ दिए गए थे.”
उन्होंने यह भी कहा कि मिश्रा के पेट को फाड़ दिया गया और उनके साथ अत्यधिक बर्बरता की गई.
पहले भी विवादित बयान दे चुकी हैं नूपुर शर्मा
यह पहली बार नहीं है जब नूपुर शर्मा किसी बयान को लेकर विवादों में आई हैं. इससे पहले उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें भाजपा से निलंबित कर दिया गया था.
योगी सरकार की कार्रवाई का समर्थन
नूपुर शर्मा ने बहराइच हिंसा पर योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का समर्थन किया. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी झंडे को उखाड़ने के कारण किसी की निर्मम हत्या की अनुमति दी जा सकती है? उन्होंने कहा, “हम कोई मच्छर या बीमारी नहीं हैं, जिन्हें मसला जाए.”
माफी मांगी और बयान वापस लिया
बयान के वायरल होने के बाद, नूपुर शर्मा ने सोशल मीडिया पर माफी मांगते हुए कहा, “मैंने जो कुछ भी सुना था, वह मैंने दोहराया. मुझे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के तथ्य नहीं पता थे. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं और क्षमा चाहती हूं.”
पुलिस ने खारिज किए दावे
बहराइच हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैल रही थीं, जिनमें दावा किया जा रहा था कि राम गोपाल मिश्रा को बेरहमी से मारा गया और उनके शरीर पर 35 छर्रों के निशान थे. यूपी पुलिस ने इन सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि ये अफवाहें झूठी और भ्रामक हैं.

इस तरह से नूपुर शर्मा का बयान एक बार फिर उन्हें विवादों में घेर चुका है, लेकिन उन्होंने इसे लेकर माफी मांगते हुए विवाद को शांत करने की कोशिश की है.
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