Mirzapur News: आज तक आपने बहुत सुना होगा की पहले गोरे लोग जब हमपर राज करते थे तब अक्सर बोल देते या कहीं पर बड़े बड़े अक्षरों में लिख देते कि ‘Dogs and Indians are not allowed’ लेकिन भाई अब जमाना गया है बदल और इस बदलते जमाने में मिर्जापुर (Mirzapur) के लौंडे ने इग्लैंड के एक शहर पर राजनीतिक रूप से कब्जा कर लिया है यानी वहाँ का मेयर बन गया है। आइये जानते हैं मिश्रा जी की पूरी कहानी..
Mirzapur से ब्रिटेन तक – किसान के बेटे की उड़ान
Mirzapur जिले के भटेवरा गांव से निकलकर ब्रिटेन में मेयर बनने वाले राजकुमार मिश्रा ने यह साबित कर दिया कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती। उनके पिता मुन्ना लाल मिश्रा एक साधारण किसान हैं, जिन्होंने जीवनभर अपने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी। राजकुमार उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने पढ़ाई में उत्कृष्टता के दम पर विदेश जाकर अपनी पहचान बनाई।
इंजीनियर है तो अलग फील्ड में ही जाएगा
भाई कहा जाता है इंजीनियर जो हैं वो अपना फील्ड छोड़कर सभी फील्ड में घुस जाते हैं लेकिन इस बार तो Mirzapur वाले मिश्रा जी ने कुछ ज़्यादा ही अलग फील्ड चुन लिया। तो हुआ यूँ की राजकुमार मिश्रा छह साल पहले लंदन एडवांस्ड कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स करने गए थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने रक्षा मंत्रालय और बैंकिंग सेक्टर में कार्य किया। इसके बाद राजनीति की ओर रुख किया और फरवरी में टाउन काउंसिल का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
ऋषि सुनक वाली पार्टी से जुड़े
राज मिश्रा ने मार्च में कंजरवेटिव पार्टी की सदस्यता ली और मेहनत से प्रचार कर मई में पार्षद चुने गए। 13 मई को आयोजित टाउन काउंसिल की वार्षिक बैठक में उन्हें Wellingborough टाउन का मेयर घोषित किया गया। यह कस्बा लंदन से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
1% भारतीय फिर भी बजाया mirzapur का डंका
वैसे तो हम यूपी वालों को कुछ करना होता है तो कर डालते हैं ये नहीं देखते हैं की सामने कौन है। ठीक वही हुआ वेल्लिंगबरो में, जहाँ की जनसंख्या लगभग 56,000 है, जिसमें भारतीय मूल के लोग सिर्फ 1% हैं। ऐसे में Mirzapur के निवासी राजकुमार मिश्रा की यह जीत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
10 भाई-बहन और सब के सब भौकाल
राजकुमार के पिता मुन्ना लाल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी। उनके 9 बेटे और 1 बेटी हैं, जिनमें से कोई डॉक्टर है, कोई वकील, तो कोई कृषि विशेषज्ञ। अब राजकुमार ने इंग्लैंड में मेयर बनकर परिवार का नाम रोशन किया है।
बीवी भी है यूपी वाली
राज ने प्रतापगढ़ की रहने वाली इंजीनियर अभिषेकता से शादी की है। अब उनका परिवार ब्रिटेन में बसा हुआ है, लेकिन जड़ें आज भी Mirzapur से जुड़ी हुई हैं। चुनाव जीतने के तुरंत बाद राज ने अपने परिवार को फोन कर खुशखबरी दी और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
मिर्जापुर (Mirzapur) में पहली बार कोई बना विदेशी मेयर
मिर्जापुर के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जिले का कोई व्यक्ति विदेशी राजनीति में इतने ऊंचे पद पर पहुंचा है। जैसे ही खबर गांव पहुंची, घर पर बधाई देने वालों की भीड़ लग गई। गांव में मिठाइयाँ बांटी गईं और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया गया।
कठिनायी तो थी लेकिन यूपी वाले हैं हम
राज मिश्रा ने एक इंटरव्यू में बताया कि शुरुआती समय में उन्हें वेल्लिंगबरो में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वहां की संस्कृति, लोग और राजनीतिक प्रणाली उनके लिए नई थी। लेकिन उन्होंने अपने धैर्य और मेहनत से धीरे-धीरे लोगों का भरोसा जीता।
समाजसेवा और ईमानदारी बनी पहचान
राज की जीत केवल चुनावी नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। उन्होंने बताया कि वे वहां के लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यही वजह रही कि इतने कम समय में उन्होंने वेल्लिंगबरो के लोगों का विश्वास हासिल किया।
युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बनें राजकुमार मिश्रा
राज की कहानी Mirzapur समेत भारत के तमाम छोटे शहरों और गांवों के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। उन्होंने यह दिखाया है कि अगर नीयत साफ हो और मेहनत में कोई कमी न हो, तो कोई भी मुकाम दूर नहीं।
लेबर पार्टी से जुड़ी पुरानी जानकारी गलत
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में राज को लेबर पार्टी से जोड़ा गया था, लेकिन स्पष्ट हो चुका है कि वे कंजरवेटिव पार्टी से जुड़े हैं और उसी के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की।
Mirzapur से ब्रिटेन तक की कहानी
राजकुमार मिश्रा की कहानी हमें यह सिखाती है कि Mirzapur जैसे छोटे जिले से निकलकर भी कोई व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकता है। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह भारत के युवाओं की प्रतिभा और उनके सपनों की जीत है।
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