जेल, नशा और मुस्कान-साहिल की डिमांड : Meerut murder case
Meerut murder case: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इस मामले के दो मुख्य आरोपी, मुस्कान रस्तोगी और उसका प्रेमी साहिल शुक्ला, अब जेल की सलाखों के पीछे हैं. लेकिन जेल में उनकी हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. ये दोनों नशे की ऐसी लत के शिकार हैं कि बिना ड्रग्स और शराब के उनका एक पल भी चैन से नहीं गुजर रहा. जेल में रहते हुए वे बार-बार अजीब-अजीब मांगें कर रहे हैं, जिससे जेल प्रशासन भी परेशान है.
जेल में नशे की तड़प ने किया बेकाबू : Meerut News
मेरठ (Meerut) की चौधरी चरण सिंह जिला जेल में मुस्कान और साहिल को अलग-अलग बैरकों में रखा गया. मुस्कान को महिलाओं वाली बैरक नंबर 12 में और साहिल को पुरुषों वाली बैरक नंबर 18 में जगह दी गई लेकिन दोनों की हालत देखकर लगता है कि जेल का सख्त माहौल उनके लिए बिल्कुल नया और मुश्किल भरा है. जेल सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों नशे के इतने आदी हैं कि अब उन्हें ड्रग्स और शराब न मिलने की वजह से बेचैनी हो रही है. मुस्कान बार-बार मॉर्फिन का इंजेक्शन मांग रही है, तो साहिल गांजा लेने के लिए तड़प रहा है. जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो दोनों ने खाना-पीना तक छोड़ दिया.
जेल के अधिकारियों का कहना है कि मुस्कान और साहिल ठीक से सो भी नहीं पा रहे. रात में उनकी नींद गायब हो गई है और वे बैरक में इधर-उधर घूमते रहते हैं और कभी-कभी अजीब हरकतें भी करते हैं. जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया, “ये दोनों लंबे समय से नशा करते आए हैं. अब जब उन्हें जेल में ड्रग्स नहीं मिल रहे, तो उनके शरीर में अजीब-सी बेचैनी शुरू हो गई है. उनकी हालत को देखते हुए हमने डॉक्टरों की एक टीम बनाई है, जो उनकी देखभाल कर रही है.” डॉक्टरों ने उन्हें नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए कुछ दवाइयां भी दी हैं, लेकिन अभी तक हालत में ज्यादा सुधार नहीं दिखा.

क्या हुआ था सौरभ राजपूत हत्याकांड में? : saurabh rajput meerut murder case
अब थोड़ा पीछे चलते हैं और समझते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है. सौरभ राजपूत मेरठ (Meerut) का एक नौजवान था, जो मर्चेंट नेवी में काम करता था. उसकी शादी 2016 में मुस्कान रस्तोगी से हुई थी. दोनों की शादी प्रेम विवाह थी, लेकिन सौरभ का परिवार इस रिश्ते से खुश नहीं था. फिर भी सौरभ ने मुस्कान को चुना और उसके साथ जिंदगी शुरू की. सौरभ ज्यादातर समय विदेश में नौकरी करता था. इस बीच मुस्कान की जिंदगी में साहिल शुक्ला की एंट्री हुई. साहिल और मुस्कान पहले स्कूल में साथ पढ़ते थे और सालों बाद फिर से मिले. धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं.
4 मार्च 2025 की रात को मुस्कान और साहिल ने मिलकर सौरभ की हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक, पहले सौरभ को खाने में नशीली दवा दी गई, जिससे वह बेहोश हो गया. फिर मुस्कान ने चाकू से उसके सीने पर कई वार किए. साहिल ने भी इसमें उसका पूरा साथ दिया. हत्या के बाद दोनों ने सौरभ के शव को चार टुकड़ों में काट दिया और उसे एक प्लास्टिक के ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया. इसके बाद ये दोनों बिना किसी डर के हिमाचल प्रदेश घूमने चले गए. सौरभ के फोन से उसके परिवार को मैसेज भेजते रहे, ताकि किसी को शक न हो. लेकिन 18 मार्च को सच सामने आ गया, जब मुस्कान ने अपने माता-पिता को हत्या की बात कबूल की. फिर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बयां किया दर्द : Meerut murder case
सौरभ के शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस हत्याकांड की भयानक सच्चाई सामने ला दी. डॉक्टरों के मुताबिक, सौरभ की गर्दन को धड़ से अलग कर दिया गया था. उसके दोनों हाथ काटे गए और दिल पर चाकू से कई गहरे वार किए गए. एक डॉक्टर ने बताया, “चाकू के वार इतने गहरे थे कि सौरभ का दिल फट गया. उसकी मौत सदमे और खून बहने से हुई.” शव को ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया गया था, जिसकी वजह से वह सड़ नहीं पाया और बदबू भी ज्यादा नहीं आई. शव को निकालने के लिए पुलिस को ड्रम काटना पड़ा और सीमेंट को तोड़ने में काफी मेहनत करनी पड़ी. इस क्रूरता को देखकर डॉक्टरों ने इसे बेहद जघन्य अपराध बताया.
“मुझे सरकारी वकील चाहिए”– मुस्कान
जेल में अपनी खराब हालत के बीच मुस्कान ने एक और मांग रखी है. उसने जेल प्रशासन से कहा कि उसे एक सरकारी वकील चाहिए, जो उसका केस लड़े. मुस्कान का कहना है कि उसके माता-पिता उससे बहुत नाराज हैं और उसकी मदद नहीं करेंगे. उसने जेल अधीक्षक को बताया, “मेरे परिवार ने मुझे अकेला छोड़ दिया है. कोई मुझसे मिलने भी नहीं आया. मुझे कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए वकील चाहिए.” जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा, “अगर कोई कैदी सरकारी वकील मांगता है, तो उसे देना हमारा काम है. हमने मुस्कान की अर्जी को मंजूर कर लिया और कोर्ट में भेज दिया। जल्द ही उसे वकील मिल जाएगा.” लेकिन साहिल ने अभी तक ऐसी कोई मांग नहीं की है. वह भी जेल में परेशान है, लेकिन उसने वकील के लिए कुछ नहीं कहा.

एक ही बैरक में रहने की जिद
मुस्कान और साहिल ने जेल अधिकारियों से एक ही बैरक में साथ रहने की मांग की, लेकिन जेल प्रशासन ने साफ इनकार कर दिया. जबकि नियमों के हिसाब से महिला और पुरुष कैदियों को एक साथ नहीं रखा जा सकता जो की सत्य है. जब जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी, तो दोनों ने गुस्से में खूब हंगामा कर दिया और जेल प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश भी करने लगे.
जेल में कोई मिलने नहीं आया
मुस्कान और साहिल को जेल में आए कई दिन हो गए, लेकिन अभी तक उनसे मिलने कोई नहीं आया। मुस्कान के माता-पिता ने उससे साफ मना कर दिया है। उसकी मां ने कहा, “हमारी बेटी ने बहुत गलत किया। सौरभ बहुत अच्छा लड़का था। हम उसका साथ नहीं देंगे।” साहिल के परिवार की भी यही हालत है। उसकी नानी ने बताया कि साहिल की मां 18 साल पहले मर चुकी है और उसके पिता नोएडा में रहते हैं। लेकिन वे भी उससे मिलने नहीं आए। दोनों आरोपी अब जेल में पूरी तरह अकेले हैं।
पुलिस की योजना: फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलेगा केस
यूपी पुलिस इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है। मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा ने बताया, “हम सौरभ हत्याकांड को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल हो और दोनों आरोपियों को सजा मिले।” पुलिस का कहना है कि वे मुस्कान और साहिल की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें अपनी हिरासत में लेंगे, ताकि और गहरी जांच हो सके।
एक क्रूर कहानी का अंत?
सौरभ राजपूत हत्याकांड ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक प्यार की शुरुआत जो शादी तक पहुंची, वो इतने भयानक अंत तक कैसे पहुंच गई? मुस्कान और साहिल की नशे की लत और उनकी क्रूरता ने एक मासूम जिंदगी छीन ली। अब जेल में उनकी हालत देखकर लगता है कि अपराध की सजा उन्हें बाहर ही नहीं, अंदर भी मिल रही है। लेकिन क्या यह सजा सौरभ के परिवार को उनका बेटा वापस ला सकती है? शायद नहीं। यह कहानी हर किसी के लिए एक सबक है कि गलत रास्ता चुनने की कीमत बहुत भारी हो सकती है।
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