Manohar Lal Dhakad Viral Video: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने न केवल भाजपा बल्कि समूची राजनीति को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस वीडियो में एक व्यक्ति एक महिला के साथ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दे रहा है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स की पहचान मनोहर लाल धाकड़ के रूप में हुई है, जो उज्जैन में रजिस्टर्ड धाकड़ महासभा के राष्ट्रीय मंत्री और भाजपा से जुड़े बताए जा रहे हैं।
इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है और सोशल मीडिया पर इसकी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
कौन है Manohar Lal Dhakad Viral Video के नेता जी
Manohar Lal Dhakad Viral Video: वायरल वीडियो कथित तौर पर 13 मई का बताया जा रहा है और इसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर रिकॉर्ड किया गया माना जा रहा है। वीडियो में एक सफेद रंग की कार (नंबर: MP 14 CC 4782) से उतरने के बाद मनोहर लाल धाकड़ एक महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिखते हैं।
परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, यह गाड़ी मनोहरलाल धाकड़ के नाम पर ही पंजीकृत है। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रियाएं आई हैं।
कौन हैं मनोहर लाल धाकड़?
मनोहर लाल धाकड़ मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से भाजपा से जुड़े एक नेता हैं। इसके अतिरिक्त, वे उज्जैन में रजिस्टर्ड धाकड़ महासभा के राष्ट्रीय मंत्री भी थे। हालांकि, इस विवाद के बाद धाकड़ महासभा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया है।: Manohar Lal Dhakad Viral Video
पत्नी भी भाजपा से जुड़ी : Manohar Lal Dhakad Viral Video
इस विवाद को और भी गंभीर बना देता है मनोहर लाल धाकड़ का पारिवारिक राजनीतिक जुड़ाव। वेबसाइट मिंट के हिसाब से उनकी पत्नी सोहन बाई धाकड़, वर्तमान में भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य हैं और मंदसौर जिले के वार्ड क्रमांक 8 से निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं।
यह तथ्य भाजपा पर दबाव बढ़ाता है कि मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि उससे जुड़े पूरे राजनीतिक परिवार की साख और पार्टी की छवि पर भी प्रभाव डाल रहा है।: Manohar Lal Dhakad Viral Video
भाजपा का बचाव – सदस्यता से किया इनकार
Manohar Lal Dhakad Viral Video में जिस व्यक्ति को भाजपा नेता बताया जा रहा है, उस पर पार्टी ने दूरी बनाने की कोशिश की है। भाजपा मंदसौर जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बयान देते हुए कहा:
“धाकड़ भाजपा का प्राथमिक सदस्य नहीं है। अगर वह ऑनलाइन माध्यम से पार्टी में शामिल हुआ हो, तो इसकी जानकारी नहीं है।”
पार्टी ने मामले को “व्यक्तिगत आचरण” का मामला बताते हुए अभी तक कोई केंद्रीय स्तर की अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा नहीं की है। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस पूरे विवाद से बेहद नाराज है।
वीडियो वायरल नेता जी गायब : Manohar Lal Dhakad Viral Video
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदसौर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मनोहर लाल धाकड़ के खिलाफ आपत्तिजनक सार्वजनिक आचरण, अश्लीलता, और महिला के साथ अभद्रता जैसे आरोपों में FIR दर्ज कर ली है।
डीआईजी स्तर के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वीडियो की वैधता, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है। लेकिन घटना के बाद से ही मनोहर लाल धाकड़ का मोबाइल बंद है और वह फरार चल रहे हैं। पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही है।
सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा : Manohar Lal Dhakad Viral Video
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर #ManoharLalDhakad, #BJPControversy, और #PoliticalMorality जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
लोगों ने इसे “नैतिक पतन का चरम” बताया और भाजपा से आरोपी को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।
महिला संगठनों ने इस घटना को महिला गरिमा के खिलाफ बताते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी और महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
राजनीति में गिरता नैतिक स्तर – एक गंभीर सवाल
मनोहर लाल धाकड़ विवाद ने एक बार फिर यह मुद्दा सामने ला दिया है कि आज के नेताओं से नैतिक आचरण और सामाजिक जिम्मेदारी की जो अपेक्षा की जाती है, क्या वे उसे निभा पा रहे हैं?
जब सत्ता से जुड़े लोग सार्वजनिक स्थलों पर अशोभनीय हरकत करते हैं, तो यह लोकतंत्र और जनता के भरोसे को गहरा आघात पहुंचाता है।
इससे यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या राजनीतिक दल अपने सदस्यों की जवाबदेही तय करने में गंभीर हैं?
सख्त कार्रवाई ही होगी जनता के विश्वास की कसौटी
मनोहर लाल धाकड़ का यह विवाद केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं है, बल्कि यह पूरे राजनीतिक तंत्र की विश्वसनीयता की परीक्षा है।
भाजपा को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और यदि आरोपी दोषी पाया जाए, तो कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, भले ही वह किसी भी पद पर क्यों न हो।
यदि कार्रवाई नहीं की जाती, तो इससे यही संदेश जाएगा कि नेताओं के लिए अलग कानून है, और इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था को गहरी क्षति पहुंचेगी।
ये भी पढ़ें: वो लेखक जिसने मधुशाला को बना दिया अमर