Manmohan Singh: हमेशा के लिए शांत हुए ‘मनमोहन सिंह’, पूर्व प्रधानमंत्री ने एम्स दिल्ली में ली आख़िरी साँसे

Manmohan singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री माननीय मनमोहन सिंह को आज देश ने दिल्ली के एम्स में खो दिया.
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Manmohan singh news: गुरुवार को देश ने अपने एक सबसे सम्मानित और अनुभवी नेताओं में से एक, डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया. 92 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को तबियत बिगड़ने के बाद दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. डॉ. मनमोहन सिंह एक ऐसे राजनेता, अर्थशास्त्री और प्रशासक थे जिन्होंने भारत की राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी.

Manmohan singh का जीवन

डॉ. मनमोहन सिंह (manmohan singh) का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिम पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. 1947 में भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया.
• उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट किया.
• 1966 से 1969 तक संयुक्त राष्ट्र में काम किया.
• इसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया.

Manmohan singh राजनीतिक और प्रशासनिक सफर

डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan singh) की योग्यता और नेतृत्व क्षमता उन्हें भारतीय राजनीति में एक अलग पहचान दिलाती है.
• 1982-1985 तक वे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर रहे.
• 1991 में, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया.
• वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में आगे बढ़ाया.

प्रधानमंत्री के रूप में योगदान : Manmohan singh as PM

डॉ. सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.
• 2004 में प्रधानमंत्री बनना: जब कांग्रेस ने UPA गठबंधन बनाया, तो सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद के लिए मनमोहन सिंह का चयन किया.
• पहला कार्यकाल (2004-2009): इस दौरान, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, मनरेगा, आधार योजना, और सूचना का अधिकार अधिनियम जैसी कई योजनाएं लागू की गईं.
• दूसरा कार्यकाल (2009-2014): इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेज़ी से विकास किया. हालांकि, उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों और विवादों का सामना भी करना पड़ा.

भारतीय राजनीति में अनोखी उपलब्धियां

• डॉ. मनमोहन सिंह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री बने.
• जवाहरलाल नेहरू के बाद वे ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लगातार दो कार्यकाल पूरे किए.
• वे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर से प्रधानमंत्री बनने वाले एकमात्र व्यक्ति थे.

आर्थिक सुधारों के जनक

1991 में, जब भारत विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा था, डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में अपनी नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर किया.
• उन्होंने भारत को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में आगे बढ़ाया.
• उनके नेतृत्व में किए गए आर्थिक सुधार आज भी भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव हैं.

सादगी और विद्वता का प्रतीक

डॉ. सिंह की सादगी और विद्वता उनकी सबसे बड़ी ताकत थी. वे राजनीति में शोर-शराबे से दूर, शांत और गंभीर स्वभाव के व्यक्ति रहे. उनके विचार और नीतियां हमेशा देश के विकास के लिए समर्पित रहीं.

विरासत और प्रेरणा

डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक आदर्श बने रहेंगे.
• उनका जीवन संघर्ष, विद्वता और सेवा का प्रतीक है.
• उनकी विरासत हमें सिखाती है कि विनम्रता और मेहनत से बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया जा सकता है.

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन एक प्रेरणा है, जो बताता है कि किसी भी संकट का समाधान दृढ़ निश्चय और बुद्धिमत्ता से संभव है. उनकी मृत्यु से देश ने एक महान नेता खो दिया है, लेकिन उनकी उपलब्धियां और योगदान हमेशा भारतीय इतिहास में अमर रहेंगे.

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