Budget News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2025-26 का बजट (budget) पेश किया. निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरुआत तेलुगु कवि और नाटककार गुराजादा अप्पा राव के प्रसिद्ध कथन ‘कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है.’ के कथन से शुरू किया. खैर यह मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक बजट था. सरकार ने इस बजट (Budget) में कृषि, MSME, निवेश और निर्यात को विकास के चार इंजन बताए हैं. वित्तमंत्री ने इस बजट में वेतनभोगी करदाताओं के लिए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने घोषणा की कि नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. सरकार ने बिहार में मखाना पैदा करने वाले किसानों के लिए मखाना विकास बोर्ड के गठन का ऐलान किया है. वहीं कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को राहत देते हुए 36 दवाओं पर से टैक्स हटाने की घोषणा की.
Budget on Income Tax: इनकम टैक्स पर भयंकर मजे
वित्त मंत्री ने इस बार इनकम टैक्स पर लोगों को काफ़ी छुट देने की कोशिश करी है. आइए डालते हैं एक नज़र
- 12 लाख की इनकम टैक्स वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा.
- 12 से 16 लाख की इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स लगेगा.
- 16 से 20 लाख की इनकम पर 20 फीसदी का टैक्स लगेगा.
- 20 से 24 लाख पर 25 फीसदी का टैक्स लगेगा
- 24 लाख रुपये से ऊपर की सालाना आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा.
किसानों के लिए खजाना : Budget for Farmers
वित्तमंत्री निर्मला ताई ने किसानों के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना का ऐलान किया जो 100 जिलों में राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाएगी. ये वे जिले होंगे, जिनमें कृषि उत्पादकता कम है. इससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा.
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की. इसका मकसद मखाने की खेती करने वाले किसानों की मदद करना और मखाना की पैदावार बढ़ाना है.
इसके साथ ही सरकार का ध्यान अगले 6 साल तक मसूर, तुअर (अरहर) जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने पर रहेगा. वित्तमंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार राष्ट्रीय तेल मिशन चला रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे. इससे दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल हुई थी. तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से चार साल के दौरान सभी दलहन खरीदी जाएगी.
कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार पांच साल की एक योजना चलाएगी. इससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत बनेगा. सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक करने की घोषणा की है.इससे किसानों, पशुपालकों और मत्स्यपालकों को छोटी अवधि का कर्ज मिलता है. वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे.
MSME से भारत के विकास पर जोर : MSME Budget
वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों (MSME) को भारत के विकास का दूसरा इंजन बताया. उन्होंने कहा कि यह सेक्टर साढ़े सात करोड़ लोगों को रोजगार देता है. उन्होंने कहा कि देश के कुल निर्यात में इस क्षेत्र का हिस्सा 45 फीसदी का है. निर्माण क्षेत्र में इसका योगदान 36 फीसदी का है. एमएसएमई के लिए वित्तमंत्री ने घोषणा की कि एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी. समृद्ध एमएसएमई युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का विश्वास देगा.
सरकार ने फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू की जाएगी. इसका मकसद उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है. इससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, चार लाख करोड़ रुपये का टर्नओवर और 11 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होने की संभावना है. सरकार ने पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों के लिए पहली बार एक योजना का ऐलान किया है. इसके तहत अगले पांच साल दो करोड़ रुपये तक का टर्म लोन दिया जाएगा. इसके तहत उद्यमिता और प्रबंधन कौशल के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी.
निर्यात से बढ़ेगा भारत : Export Budget
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की स्थापना की है. 100 फीसदी तक इंश्योरेंस में निवेश की सीमा की गई. पहले यह 74 फीसदी थी. इंडिया पोस्ट बैंक की क्षमता ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ाई जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आयातकों, निर्यातकों के लिए माल की निकासी के बाद स्वैच्छिक रूप से महत्वपूर्ण तथ्यों की घोषणा करने के लिए एक नए प्रावधान की घोषणा की.केंद्रीय बजट 2025-26 में सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अस्थायी मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए दो साल की समय सीमा निर्धारित की गई है. जिसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है.
छात्रों की भी हुई बल्ले बल्ले : Budget on Student
सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुविधा मुहैया कराई जाएगी. शिक्षा के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से एआई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा. साथ ही देश में आईआईटी की संख्या भी इजाफा किया जाएगा. मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने का ऐलान भी किया गया. सरकार के 10,000 करोड़ रुपये के योगदान से स्टार्टअप्स के लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी. स्कूल तथा उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं की डिजिटल पुस्तकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा. मेडिकल एजुकेशन को भी बढ़ा मिलेगा.
युवा और छात्रों के लिए बड़े ऐलान
- मेक इन इंडिया‘ को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा
- लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को भी बढ़ावा देने पर फोकस रहेगा
- सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग लैब बनाने का लक्ष्य है
- सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी
- भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने की पहल
- 500 करोड़ रुपए से एआई सेंटर स्थापित किया जाएगा
- मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सीट बढ़ेंगी.
- अगले 5 वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य
- अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी
IIT खुलेंगे और बढ़ेगी मेडिकल की सीट
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 10 वर्षों में लगभग 1.1 लाख ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सीटें जोड़ी हैं. अगले वर्ष, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, अगला लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 75000 सीटें जोड़ना है. कौशल और उच्च स्तरीय शिक्षा में निवेश ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विनिर्माण के लिए जरूरी है, युवाओं को कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ 5 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा, 2014 के बाद से आरंभ किए गए 5 आईआईटी में 6500 अतिरिक्त छात्रों को शिक्षा सुविधा देने के लिए एडिशनल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा.
AI पर भी दिया जोर
500 करोड़ रुपये के व्यय के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर एजुकेशन की स्थापना की जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने बताया, “जिज्ञासा, इनोवेशन और युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए आगामी पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा, भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सेकेंडरी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी. स्कूल तथा उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं की डिजिटल पुस्तकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आगामी तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
उम्मीद ए युवा : Budget expectation
पिछले बजट में सरकार ने स्टूडेंटस के लिए एजुकेशन लोन से लेकर इंटर्नशिप की कई सारी योजनाओं की घोषणा की थी. ऐसे में अब युवाओं के मन में जो सवाल उठ रहा था कि आखिर इस बार के बजट में उनके लिए खास क्या होने वाला है? उस पर से पर्दा उठ गया है. पिछली बजट घोषणाओं से साफ पता चलता है कि सरकार का कौशल विकास पर खास फोकस है. स्किल डेवलपमेंट के लिए नई स्कीम्स लाई जा रही हैं. बजट 2024 में भी कौशल विकास योजनाओं के लिए रकम आवंटित की गई थी. इस बार के बजट में भी ऐसी किसी योजना की उम्मीद थी. जिन पर खरा उतरने के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की. युवा चाहते हैं सरकार उन्हें देश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मुहैया कराए जाए, इसके साथ ही युवाओं को देश से पलायन कर दूसरे देशों में जाना बड़ी समस्या है युवा बेहतर भविष्य की आस में दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं. युवाओं की बजट ये यह भी उम्मीद थी कि सरकार कुछ ऐसी अहम घोषणाएं करें, जिससे रोजगार और अर्थव्यवस्था दोनों को तेजी से बढ़ावा मिले.
सस्ती हुई चीज़ें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया. बजट में की गई घोषणाओं के कई चीजों के दाम बढ़ने की संभावना है तो वहीं कई चीजें सस्ती भी होंगी. सरकार ने लिथियम आयन बैटरी बनाने वाली कंपनियों के लिए इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी शून्य करने की घोषणा की है. इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम कम होने की उम्मीद है.
कई मेडिकल उपकरणों, जीवन रक्षक दवाओं और कैंसर से जुड़ी दवाओं को शून्य बेसिक कस्टम ड्यूटी की सूची में जोड़ा गया है. इससे इनके भी दाम कम होंगे. आयातित मोटरसाइकिलों की विभिन्न श्रेणियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में पांच से 20 प्रतिशत तक की कटौती की गई है.
आइए जानते हैं क्या-क्या हुआ सस्ता?
- 36 कैंसर दवाएं.
- LED सस्ती
- मोबाइल फोन बैटरी.
- भारत में बने कपड़े.
- मेडिकल उपकरण.
- 82 सामानों से सेस हटाया गया है.
- लेदर जैकेट, जूते, बेल्ट, पर्स.
- ईवी वाहन.
- LCD, LED टीवी
- हैंडलूम कपड़े.
घरेलू कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए छोटे और मध्यम लूम्स के आयात शुल्क को 7.5 को घटाकर शून्य कर दिया गया है. इससे इस क्षेत्र में एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा और कपड़ों के दाम कम होने की उम्मीद है. वेट ब्लू लेदर और क्रस्ट लेदर पर इम्पोर्ट शुल्क को शून्य कर देने से इनके उत्पाद भी सस्ते होने की उम्मीद है.
एनडीटीवी के रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा, एलसीडी/एलईडी टीवी सेट के लिए ओपन सेल्स विनिर्माण के लिए पूंजीगत वस्तुओं के आयात पर शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने से टेलीविजन सेट सस्ते होने की उम्मीद है. तैयार कपड़ों की विभिन्न श्रेणियों के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत या 115 रुपये प्रति किलोग्राम (जो भी ज्यादा हो) कर दिया गया है. इसके अलावा इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है. इससे इनके दाम भी बढ़ेंगे.
आम आदमी का है बजट
बजट भाषण की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट आम आदमी की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने वाला होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को बढ़ाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना, घरेलू भावना को ऊपर उठाना और बढ़ते हुए मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना है. वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2025 में गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया हैं। कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात विकास के इंजन हैं.” बजट में वित्त मंत्री द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. इससे किसानों को सस्ता लोन पाने में मदद मिलेगी.
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