KGMU में पुष्पा और ले गया चंदन
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के कैंपस से एक कीमती चंदन के पेड़ की चोरी ने सभी को चौंका दिया है। यह पेड़ विश्वविद्यालय के कुलपति आवास परिसर में स्थित था, जो बेहद सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है।
इस घटना ने न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन बल्कि पूरे पुलिस और वन विभाग को भी सतर्क कर दिया है। यह मामला अब लखनऊ क्राइम न्यूज का अहम हिस्सा बन चुका है।
कहां से हुई चोरी और क्यों है यह मामला बेहद गंभीर?
चोरी KGMU के कुलपति आवास परिसर से हुई है, जो यूनिवर्सिटी कैंपस के भीतर ही स्थित है। सबसे अहम बात ये है कि वहां पर:
- नियमित सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं
- CCTV कैमरों की निगरानी रहती है
- सरकारी स्टाफ की आवाजाही भी होती रहती है
इसके बावजूद चोरों ने रात के अंधेरे में करीब 50 साल पुराने चंदन के पेड़ को काट लिया और लकड़ी लेकर फरार हो गए।
यह सिर्फ एक चोरी नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी और सरकारी संपत्ति के नुकसान का गंभीर मामला है।
चंदन की लकड़ी की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश
कितना महंगा होता है चंदन?
चंदन की लकड़ी भारत में सबसे कीमती लकड़ियों में गिनी जाती है। इसकी कीमत:
- ₹10,000 से ₹15,000 प्रति किलोग्राम तक होती है
- एक पूरा पेड़ 80-100 किलो लकड़ी दे सकता है
- अनुमानतः इस पेड़ की कीमत ₹8 लाख से ₹12 लाख तक हो सकती है
KGMU के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि यह लगभग 50 साल पुराना चंदन का पेड़ था और इसकी लकड़ी बेहद दुर्लभ और महंगी मानी जाती है।
यह सरकारी प्रॉपर्टी है, जिसकी बिक्री संभव नहीं है, लेकिन बाजार में इसका मूल्य बहुत अधिक है।
चोरी कैसे हुई? क्या CCTV में कैद हुए चोर?
KGMU के चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव ने चौक कोतवाली में FIR दर्ज कराई है। पुलिस द्वारा:
- CCTV फुटेज की जांच की जा रही है
- गार्ड से पूछताछ की जा रही है
- वन विभाग को सूचना दी गई है
- फॉरेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है
हालांकि अब तक चोरों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने इसे “सुनियोजित साजिश” मानकर जांच तेज कर दी है।
चंदन की कटाई है गंभीर अपराध – जानिए क्या है कानून
भारतीय वन अधिनियम (Indian Forest Act, 1927) और संरक्षित प्रजाति कानूनों के तहत चंदन का पेड़:
- संरक्षित श्रेणी में आता है
- इसे काटना, परिवहन करना या बेचना अपराध है
- दोषी पाए जाने पर हो सकती है:
- 5 साल तक की जेल
- ₹10 लाख तक का जुर्माना
इसलिए KGMU प्रशासन ने इस केस को वन विभाग व वन निगम को भी रेफर कर दिया है।
KGMU में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि:
जब कैंपस में नियमित गार्ड, स्टाफ और CCTV जैसी सुरक्षा मौजूद थी, तो इतनी बड़ी चोरी कैसे हो गई?
यह घटना न सिर्फ KGMU की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि ये भी सोचने पर मजबूर करती है कि कहीं भीतर के लोगों की मिलीभगत तो नहीं?
KGMU की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद इस समय निरालानगर स्थित निजी आवास में रह रही हैं, जबकि विश्वविद्यालय परिसर स्थित सरकारी आवास खाली था लेकिन स्टाफ युक्त था।
क्या है चंदन तस्करी का नेटवर्क?
भारत में खासकर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में चंदन की तस्करी एक बड़ा नेटवर्क है।
- तस्करों के निशाने पर सरकारी संस्थान और मंदिर आते हैं
- चोरी की गई लकड़ी को बाजार में या विदेशों में बेचा जाता है
- इनमें से कई नेटवर्क्स अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय होते हैं
Lucknow जैसी जगहों पर इस तरह की घटना इशारा करती है कि तस्कर अब शहरों में भी सक्रिय हो चुके हैं।
क्या है आगे की कार्रवाई?
लखनऊ पुलिस और वन विभाग की संयुक्त जांच जारी है। पुलिस:
- CCTV फुटेज खंगाल रही है
- विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है
- चोरों की गिरफ्तारी जल्द करने का दावा कर रही है
वहीं, प्रशासन द्वारा गार्ड और स्टाफ की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
जनता और छात्रों की प्रतिक्रिया
KGMU के छात्रों और स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर इस चोरी की घटना को लेकर नाराज़गी जताई है।
- “अगर यूनिवर्सिटी का इतना सुरक्षित कैंपस भी सुरक्षित नहीं, तो शहर में क्या सुरक्षित है?”
- “चंदन जैसे बहुमूल्य पेड़ की चोरी कोई साधारण घटना नहीं, ये सुरक्षा व्यवस्था पर तमाचा है।“
एक पेड़ की नहीं, पूरे सिस्टम की चोरी
KGMU: ये केवल एक पेड़ की चोरी नहीं है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति, पर्यावरण और व्यवस्था पर हमला है।
सरकार और विश्वविद्यालय को इस घटना से सीख लेनी चाहिए और:
- सुरक्षा व्यवस्था और तकनीक को और मज़बूत करना चाहिए
- पेड़-पौधों की रक्षा के लिए विशेष नीति बनानी चाहिए
- ऐसे अपराधियों को सख्त सज़ा देनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हिमाकत न करे।
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