आस्था के महापर्व कांवड़ यात्रा में अब बिना लाइसेंस भोजन परोसना पड़ेगा भारी
Kanwar Yatra: 11 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब कांवड़ मार्ग पर कोई भी दुकान, ढाबा या भंडारा बिना फूड लाइसेंस के भोजन नहीं बेच सकेगा। यदि ऐसा होता है तो दोषी दुकानदार पर ₹2 लाख तक का जुर्माना लगेगा और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
हर साल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और राजस्थान से करोड़ों श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं। इस बार उत्तराखंड सरकार ने उनकी सेहत और खाद्य सुरक्षा को लेकर सख्ती दिखाते हुए खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं
उत्तराखंड सरकार के निर्देश – बिना लाइसेंस नहीं चलेगा कारोबार
Kanwar Yatra: स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने साफ कहा है कि इस बार हर होटल, ढाबा, स्टॉल, भंडारा या पंडाल पर फूड लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
क्या-क्या अनिवार्य होगा?
- लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रति दुकान पर दिखाना अनिवार्य
- छोटे ठेले/फड़ वालों को भी पंजीकरण प्रमाणपत्र रखना और दिखाना होगा
- होटल और रेस्टोरेंट में फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड भी लगाना होगा
- किसी भी तरह की मिलावट या नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई
सजा क्या होगी?
- ₹2 लाख तक जुर्माना (Food Safety and Standards Act, 2006 – Section 55)
- स्थल बंद करने की कार्रवाई
- आपराधिक केस भी दर्ज हो सकता है
श्रद्धालुओं के लिए क्या होगी व्यवस्था?
Kanwar Yatra News:कांवड़ यात्रा के दौरान:
- खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी में तैनात रहेंगे
- ये अधिकारी दूध, मिठाई, तेल, मसाले, पेय पदार्थ आदि के नमूने लेंगे
- संदिग्ध सामग्री को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा
- मानकों पर खरा न उतरने पर दुकान बंद कर दी जाएगी
- सरकार की प्राथमिकता है – श्रद्धा और स्वास्थ्य दोनों की सुरक्षा
“श्रद्धालुओं की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा” – डॉ. राजेश कुमार
शिकायत कहाँ करें?
Kanwar Yatra toll free no: सरकार ने एक टोल-फ्री नंबर 18001804246 जारी किया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति भोजन की गुणवत्ता या मिलावट को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है।
- शिकायत के तुरंत बाद प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंचेगी
- दोषी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी
धार्मिक संस्थानों और दुकानदारों से अपील
उत्तराखंड शासन ने भंडारा संचालकों, धार्मिक ट्रस्टों और खाद्य विक्रेताओं से अपील की है कि:
- केवल शुद्ध और प्रमाणिक खाद्य सामग्री ही परोसें
- सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें
- किसी भी तरह की मिलावट या गुणवत्ता में कमी न करें
“श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करें और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी समझें” – ताजबर सिंह जग्गी, अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा
प्रचार और जागरूकता के लिए व्यापक अभियान
सरकार ने सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) माध्यमों से आमजन को जागरूक करने की तैयारी कर ली है।
माध्यम क्या होंगे?
- बैनर और पोस्टर
- फोल्डर और पर्चे
- सोशल मीडिया और मोबाइल मैसेजिंग
लक्ष्य है कि दुकानदार और श्रद्धालु दोनों शुद्ध भोजन की पहचान, उपभोक्ता अधिकार और फूड सेफ्टी नियमों के प्रति जागरूक रहें।
कांवड़ यात्रा में भोजन मिलावट के पुराने मामले : Kanwar Yatra Food
- 2022 में हरिद्वार में भंडारे से लिए गए 32 सैंपल में से 9 फेल पाए गए थे
- 2023 में रुड़की में एक मिठाई विक्रेता पर ₹1.25 लाख का जुर्माना लगाया गया
- कई बार घातक रसायनों का इस्तेमाल भी सामने आया
इसलिए इस बार प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता।
कब से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा 2025?
- कांवड़ यात्रा 2025 की शुरुआत: 11 जुलाई 2025
- करोड़ों लोग हरिद्वार, ऋषिकेश और अन्य तीर्थों में गंगाजल लेने पहुंचेंगे
- इस बार सुरक्षा, स्वच्छता और सेहत के लिहाज से अब तक की सबसे सख्त व्यवस्था
आस्था है जरूरी, लेकिन स्वास्थ्य है सर्वोपरि
उत्तराखंड सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है। Kanwar Yatra Food License Rule लागू करने से:
- श्रद्धालुओं को सुरक्षित भोजन मिलेगा
- मिलावट पर लगाम लगेगी
- व्यवसायी भी जिम्मेदार बनेंगे
अगर आप कांवड़ मार्ग पर दुकान या भंडारा चला रहे हैं, तो आज ही FSSAI पंजीकरण कराएं और दिशा-निर्देशों का पालन करें।
क्योंकि अब बिना लाइसेंस कारोबार किया तो होगी जेल + ₹2 लाख तक जुर्माना!
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