अमरोहा का इतिहास
Amroha : वैसे तो उत्तर प्रदेश का हर जिला अपनी अनूठी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से भरपूर है लेकिन इनमें से एक है अमरोहा, जो अपनी ढोलकों की थाप, मीठे आम, मशहूर शायर जॉन एलिया और तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी के लिए खूब जाना जाता है. यह शहर न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी बेहद खास है. अमरोहा की विरासत का हर पहलू, चाहे वह संगीत का हो, साहित्य का हो, या स्वतंत्रता संग्राम का, इसकी खासियत को दर्शाता है.
अमरोहा (Amroha) नाम की कहानी
अमरोहा नाम की उत्पत्ति को लेकर कई दिलचस्प कहानियां हैं और सारी कहानियाँ उतनी ही रोचक जितनी आप बचपन में सुनते थे.
- आम और रोहू मछली से बना शहर अमरोहा: ऐसा कहा जाता है कि जब जनाब हज़रत शरफुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह यहां आए, तो स्थानीय लोगों ने उन्हें आम और रोहू मछली भेंट की। तभी से इस जगह को “अमरोहा” कहा जाने लगा.
- राजा अमरजिद की स्थापना: लगभग 3,000 साल पहले हस्तिनापुर के राजा अमरजिद ने इस शहर की स्थापना की थी। संभवतः उनके नाम पर इस जगह का नाम “अमरोहा” पड़ा.
- अंबिका नगर: प्राचीन समय में इस शहर को “अंबिका नगर” भी कहा जाता था, जो दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान की बहन अंबीरानी के नाम पर पड़ा था.
अमरोहा शहर का ऐतिहासिक महत्व
अमरोहा (Amroha) की स्थापना 3,000 ई. पूर्व में हुई थी. इस्लामी शासनकाल से पहले यहां त्यागियों का शासन था. यह शहर हमेशा से सांस्कृतिक और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. 1997 में इसे मुरादाबाद से अलग कर “ज्योतिबा फुले नगर” के रूप में एक नया जिला घोषित किया गया. हालांकि, 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका नाम बदलकर फिर से “अमरोहा” कर दिया.
अमरोहा की विशेषताएं : Amroha Special
1. ढोलकों की थाप
अमरोहा को देशभर में उसके ढोलक और तबला निर्माण के लिए जाना जाता है.
- यहां के कारीगर पारंपरिक ढोलक बनाने में माहिर हैं.
- अमरोहा के ढोल होली, शादी और अन्य सामाजिक उत्सवों पर खास धूम मचाते हैं.
- यहां की ढोलक की गुणवत्ता और ध्वनि देशभर में अद्वितीय मानी जाती है.
2. आम के बागों की मिठास
ढोलक के धुन पर थिरकाने के बाद आपको बताते चलें कि अमरोहा अपने मीठे और रसीले आमों के लिए प्रसिद्ध है.
- यहां के आम न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं.
- ढोलक निर्माण में आम की लकड़ी का उपयोग होता है, जो इसकी मजबूत और टिकाऊ बनावट सुनिश्चित करता है.
3. सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर
- अमरोहा मशहूर शायर जॉन एलिया का जन्मस्थान है, जिनकी शायरी आज भी दिलों को छूती है.
- फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही ने यहां से निकलकर “पाकीज़ा” जैसी कालजयी फिल्म दी.
- स्वतंत्रता संग्राम में यहां की बेटी अबादी बानो बेगम ने अंग्रेजी शासन को चुनौती दी.
4. ऐतिहासिक स्थल और धार्मिक महत्व
- अमरोहा में कई ऐतिहासिक मंदिरों के साथ दरगाहें भी हैं.
- मुस्लिम पीर शेख़ सद्दू की दरगाह धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है.
- वसुदेव मंदिर और तुलसी पार्क शहर की अन्य खास जगहों में शामिल हैं.
5. उद्योग-धंधा और व्यापार
- कृषि उत्पादों की मंडी के रूप में प्रसिद्ध, यहां हथकरघा वस्त्र, मिट्टी के बर्तन और चीनी मिल उद्योगों का बड़ा योगदान है.
- यह क्षेत्र गंगा और कृष्णा नदियों के किनारे बसा है, जो इसे उपजाऊ बनाते हैं.
अमरोहा के गौरवशाली चेहरे : faces of Amroha
- मोहम्मद शमी: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ ने अपनी घातक गेंदबाज़ी से देश का नाम रोशन किया.
- जॉन एलिया: उनकी शायरी आज भी प्रेम और विरह के भावों को जीवंत करती है.
- कमाल अमरोही: उन्होंने भारतीय सिनेमा को कई उत्कृष्ट कृतियां दीं.
अमरोहा: परंपरा और आधुनिकता का संगम
Amroha news : अमरोहा सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि परंपराओं और आधुनिकता का अद्भुत संगम है. यह शहर अपने ढोलक, आम, साहित्य और कला के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अपनी पहचान बना चुका है.
अगर आप इस छोटे से शहर का दौरा करते हैं, तो यहां की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक विरासत आपको मंत्रमुग्ध कर देगी. अमरोहा की ढोलक की थाप, आम की मिठास और इसके लोगों की मेहमाननवाज़ी इसे एक खास और यादगार जगह बनाते हैं.
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