विश्व हिंदू परिषद दुर्गावाहिनी का विवादास्पद फरमान
Moradabad News: उत्तर प्रदेश में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) दुर्गावाहिनी ने करवा चौथ और दिवाली के अवसर पर एक विवादास्पद निर्देश जारी किया है। वीएचपी नेता राजकमल गुप्ता ने अपने बयान में कहा है कि जिन्हें वे ‘विधर्मी’ मानते हैं, उन्हें मेहंदी और साड़ी बांधने का काम नहीं करने दिया जाना चाहिए। इस बयान के बाद, मुरादाबाद से पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद एसटी हसन और वर्तमान सांसद रुचि वीरा ने इसका कड़ा विरोध किया है।
वीएचपी नेता ने दिया बयान
वीएचपी नेता राजकमल गुप्ता ने स्पष्ट किया कि जो लोग मेहंदी लगाने और साड़ी बांधने का काम करते हैं, उन्हें हिंदू त्योहारों के दौरान यह सेवाएं नहीं प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “जब इन लोगों का विश्वास करवा चौथ और अन्य हिंदू त्योहारों में नहीं है, तो उनके साथ त्योहारों पर व्यापार क्यों किया जाए? आज देश के सभी लोग इनके इरादों से अवगत हैं। हमें ऐसे लोगों से व्यापार नहीं करना चाहिए जो हमारे सनातन धर्म में विश्वास नहीं करते।”
पूर्व सपा सांसद का प्रतिक्रिया
मुरादाबाद से पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने वीएचपी के फरमान और सीएम योगी के अराजकता को बर्दाश्त न करने वाले बयान पर कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “बयान देने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह हर व्यक्ति की अपनी सोच है कि उसे अपना काम किससे कराना है। इन लोगों का मकसद केवल नफरत फैलाना है। इनके हर बयान से देश में नफरतें बढ़ती हैं, जिसका परिणाम खतरनाक हो सकता है।”
सीएम योगी के बयान पर टिप्पणी
सीएम योगी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता ने कहा, “कोई भी मुख्यमंत्री अराजकता को बर्दाश्त नहीं करता है। सीएम की जिम्मेदारी है कि हर तरफ शांति बनी रहे। लेकिन जो लोग शांति भंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है? क्या उन्हें UAPA में शामिल किया गया है? हम सभी प्रकार के उल्टे-सीधे कानून को सहन कर सकते हैं, लेकिन अपने आका नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
सांसद रुचि वीरा का विरोध
मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा ने भी दुर्गावाहिनी के फरमान के साथ-साथ महंत यति नरसिंहानंद के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, “अगर मेहंदी लगाने का काम बंद कराना है, तो सब कुछ बंद कराएं। केवल मेहंदी से काम नहीं चलेगा। मकान चिनवाना, प्रेस करवाना, कपड़े सिलवाना—इन सब पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। महंत यति नरसिंहानंद के बयान की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो समाज में अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।”