Neem Karoli Baba: यूँ तो अमूमन आपको नीम करोली बाबा के कई सारे चमत्कार सुनने को मिल जाएँगे जिसमें कई सारे किस्से तो ऐसे लोगों के मुँह से सुनने को मिलेगा कि आप भी सोच में पड़ जाएँगे. वहीं कुछ ऐसे किस्से हैं जो आपने सुना भी नहीं होगा, उसी में से एक है बाबा जी शादी शुदा थे और उनके दो बेटे के साथ एक बेटी भी हैं.
Neem Karoli Baba : यूपी में हुआ है जन्म
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का जन्म लगभग 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था. उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था, और बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था. अपने प्रारंभिक जीवन में ही वे आत्मज्ञान प्राप्त कर चुके थे.11 वर्ष की उम्र में उनका विवाह हुआ, लेकिन वे गृहस्थ जीवन में नहीं रुके और साधना की ओर अग्रसर हुए.गुजरात के एक वैष्णव मठ में उन्होंने दीक्षा लेकर आध्यात्मिक साधना शुरू की. हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब वे अपने परिवार में वापस लौटे और दो पुत्रों और एक पुत्री के पिता बने.लेकिन 1958 में बाबा ने दोबारा गृहत्याग किया और अपना जीवन पूरी तरह से साधना और भ्रमण में समर्पित कर दिया.
कैंची धाम आश्रम की स्थापना
1961 में बाबा अपने मित्र पूर्णानंद के साथ पहली बार नैनीताल के पास कैंची धाम पहुंचे, और यहां आश्रम की स्थापना का विचार आया. 1964 में उन्होंने यहां एक आश्रम की स्थापना की और हनुमान जी का मंदिर भी बनवाया. बाबा के द्वारा स्थापित किए गए आश्रम भारत के कई स्थानों और विदेशों में भी स्थित हैं, जहां उनके भक्त श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं.
बाबा नीम करोली और हनुमान जी की भक्ति
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) हनुमान जी का परम भक्त माना जाता था. वे जीवनभर हनुमान जी की आराधना में लीन रहे और उनके कई मंदिर भी बनवाए.बाबा के भक्त भी उन्हें हनुमान जी के अवतार के रूप में देखते थे. वे किसी भी भक्त को अपने पैर छूने की अनुमति नहीं देते थे और हमेशा कहते थे, “अगर पैर छूना है तो हनुमान जी के पैर छुओ.”
मार्क जुकरबर्ग से लेकर स्टीव जॉब्स हैं भक्त
बाबा नीम करोली के भक्तों में कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं, जैसे कि एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर विराट कोहली, और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा. बाबा के प्रति इन लोगों की आस्था इस बात का प्रमाण है कि बाबा ने अपने आध्यात्मिक शक्ति से सभी को प्रभावित किया. यहाँ तक की नरेंद्र मोदी से अमेरिका में मुलाकात के दौरान जुकरबर्ग ने भारत में एक मंदिर का जिक्र किया था. कहा जाता है कि फेसबुक के फाउंडर को स्टीव जॉब्स ने उनसे कहा था कि अगर जब भी जीवन से हार जाओ और निराश हो जाओ तो बाबा नीम करोली के आश्रम जरूर जाना. जिसके बाद मार्कजुकर बर्ग नीम करोली के आश्रम भी गए थे.
वृंदावन में बाबा नीम करोली का अंतिम दिन
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का जीवन लोगों के कल्याण में समर्पित था, लेकिन 11 सितंबर 1973 को वे इस दुनिया से विदा हो गए. बाबा आगरा से नैनीताल जा रहे थे, जब उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. उन्हें वृंदावन स्टेशन पर उतारा गया और अस्पताल ले जाया गया. वहां उन्होंने तुलसी और गंगाजल ग्रहण किया और अपने जीवन का अंतिम सांस लिया. वृंदावन में उनकी समाधि मंदिर आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है.
शादी शुदा थे बाबा जी
बाबा नीम करोली शादी शुदा थे. नीम करोली बाबा के दो पुत्र और एक पुत्री हैं. जहाँ बड़े बेटे अनेक सिंह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं, वहीं छोटे बेटे धर्म नारायण शर्मा वन विभाग में रेंजर के पद पर कार्यरत थे. हाल ही में उनका निधन हो गया है.
नीम करोली बाबा का जीवन और उनके कार्य हमें मानवता, भक्ति और सच्ची सेवा का संदेश देते हैं. उनके अनुयायी उन्हें सदैव अपने हृदय में जीवित मानते हैं और उनकी शिक्षाओं पर चलने का प्रयास करते हैं.
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