गायिज एक कहावत है जिसे कभी अंग्रेज़ सही साबित कर के गए थे की फूट डालो और राज करो और अब उसी कहावत को पूरे तरीके से सही साबित करने पर तुले हुए हैं आज के दलित समाज के लोग। भीम आर्मी के संस्थापक और नगीना सांसद Chandrashekhar Azad ‘Ravan’ और कथित प्रेमिका Roshani Ghavari का किस्सा तो आप लोगों तक तो पहुँच ही गया होगा। अब उसी रोशनी घावरी ने चंद्रशेखर रावण पर बहुत गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रावण ने उन्हें use कर के छोड़ दिया। आइये जानते हैं पूरा किस्सा..
Chandrashekhar Azad: कौन हैं रोहिणी घावरी
इंदौर की पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी पिछले कुछ समय से लगातार चर्चाओं में हैं। कारण है — उनका खुला और बम की तरह फूटता हुआ बयान Chandrashekhar Azad के खिलाफ। भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर उन्होंने बेहद निजी और गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे जानकर हर कोई चौंक गया।
“रिश्ता था, लेकिन यूज़ कर फेंक दिया” – रोहिणी का सनसनीखेज आरोप
दिल्ली मीटिंग में कबूलनामे का दावा
रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:
“चंद्रशेखर ने दिल्ली में मीटिंग के दौरान खुद माना कि हम रिलेशनशिप में थे। लेकिन जब लगा कि पॉलिटिकल नुकसान हो सकता है तो मुझे छोड़ दिया।”
यह बयान अपने आप में इतना भावनात्मक और विस्फोटक था कि मीडिया और सोशल मीडिया दोनों जगह भूचाल आ गया।
“मैं कोई खिलौना नहीं हूँ” – रोहिणी ने किया सीधा वार
आत्मसम्मान की बात और कोर्ट की चेतावनी
“मैं कोई खिलौना नहीं जो यूज़ कर के फेंक दिया जाए। मैं किसी की बहन, बेटी और इज़्ज़त हूँ। अब माफ़ी नहीं, सज़ा मिलेगी। कोर्ट में मिलते हैं!”
रोहिणी ने यह भी कहा कि अब यह मामला कोर्ट तक जाएगा और चंद्रशेखर को हर सवाल का जवाब वहाँ देना होगा।
Rohini Ghavari के 7 बड़े आरोप Chandrashekhar Azad पर
- रिश्ता बनाकर छोड़ा: भावनात्मक शोषण का आरोप
- शादी छुपाई: शादीशुदा होने की जानकारी बाद में दी
- पॉलिटिकल कारण से छोड़ा: पब्लिक इमेज बचाने के लिए छोड़ना
- कई लड़कियों से संपर्क: अन्य महिलाओं से भी गलत व्यवहार
- गुप्त मीटिंग में कबूलनामा: निजी रिश्ते की सार्वजनिक स्वीकृति
- कानूनी कार्रवाई की चेतावनी: केस फाइल करने की तैयारी
- आत्मसम्मान को ठेस: भावनात्मक और मानसिक प्रताड़ना का दावा
Chandrashekhar Azad की सफाई – “अब सिर्फ कोर्ट में बोलूंगा”
भीम आर्मी प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अब सिर्फ कोर्ट में अपनी बात रखेंगे। इससे साफ है कि मामला अब व्यक्तिगत दायरे से निकलकर कानूनी और राजनीतिक रंग ले चुका है।
राजनीतिक और सामाजिक नजरिए से यह मामला क्यों है अहम?
यह विवाद केवल दो लोगों के बीच का नहीं रहा। जब एक जनप्रतिनिधि पर इस तरह के आरोप लगते हैं, तो यह उनके चरित्र, नैतिकता और जवाबदेही पर सवाल उठाता है।
इसके अलावा:
- महिला सम्मान: यह केस महिला आत्मसम्मान और सुरक्षा से भी जुड़ा है।
- पब्लिक फिगर की ज़िम्मेदारी: एक सांसद का निजी आचरण सार्वजनिक छवि पर प्रभाव डालता है।
- युवाओं के लिए चेतावनी: राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग और निजी रिश्तों का मोहरा बनना – इस विवाद ने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
मीडिया और पब्लिक रिएक्शन
रोहिणी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त हलचल देखने को मिली। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोग पक्ष और विपक्ष में खुलकर बोल रहे हैं। कई यूजर्स ने Rohini Ghavari को बहादुर बताया तो कुछ ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया।

हालांकि रोहिणी के मुताबिक, यह लड़ाई उनकी पहचान और न्याय की है। उनका कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ उनका नहीं, बल्कि हर उस लड़की का है जो विश्वासघात का शिकार हुई है।
क्या कहते हैं कानूनी जानकार?
वकीलों के मुताबिक अगर रोहिणी के पास सबूत हैं (जैसे चैट्स, कॉल रिकॉर्डिंग, या गवाह), तो IPC की धारा 417 (धोखाधड़ी) और 376 (यदि शारीरिक शोषण हुआ हो) जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज हो सकता है।
रिश्ते की राजनीति या राजनीति में रिश्ता?
Chandrashekhar Azad और Rohini Ghavari के बीच का यह विवाद सिर्फ निजी कहानी नहीं, एक सार्वजनिक बहस है — भरोसे, शक्ति और जिम्मेदारी की। सवाल ये नहीं कि किसकी गलती है, सवाल ये है कि क्या राजनीतिक ताकत के सामने निजी सम्मान की कोई जगह रह गई है?
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