Baba Siddique Shot Dead Live:
मुंबई में NCP (अजित पवार गुट) के नेता महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. सिद्दीकी इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के साथ जुड़े थे. हत्या के 28 घंटे बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर इस वारदात की जिम्मेदारी ली. गैंग ने चेतावनी देते हुए लिखा, “सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को नहीं छोड़ेंगे.” पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप और अनमोल बिश्नोई को भी हैशटैग किया गया है.
लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. इससे पहले उसने 14 अप्रैल को सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग कराई थी. अब जेल में उससे पूछताछ की जाएगी, जबकि सलमान खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
सिद्दीकी को Y-श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन घटना के वक्त उनके साथ कोई कॉन्स्टेबल मौजूद नहीं था. घटनास्थल पर स्ट्रीट लाइट्स और CCTV भी बंद थे. शनिवार रात करीब 9:30 बजे बांद्रा के खेर नगर में विधायक बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. सूत्रों के मुताबिक, ऑटो से आए तीन शूटर्स ने दो बंदूकों से छह राउंड गोलियां चलाईं, जिनमें से तीन गोलियां बाबा सिद्दीकी को लगीं—दो पेट में और एक सीने में. तीनों बदमाशों ने चेहरे पर रूमाल बांध रखा था, जिससे उनकी पहचान छिपाई जा सके.
Baba Siddique Shot Dead Live: दो शूटर गिरफ्तार, तीसरा अब भी फरार
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में दो शूटरों को पकड़ लिया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरियाणा के गुरमैल बलजीत सिंह (23) और यूपी के बहराइच निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) के रूप में हुई है। हालांकि, तीसरा शूटर शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा (20), जो बहराइच का ही रहने वाला है, अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
यूपी के शूटरों का साफ-सुथरा रिकॉर्ड, हरियाणा का आरोपी पहले से अपराधी
जब मुंबई क्राइम ब्रांच ने यूपी पुलिस से संपर्क किया, तो पता चला कि धर्मराज और शिवकुमार का अपने जिले में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। दोनों बहराइच के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा कस्बे के निवासी हैं। वहीं, हरियाणा का गुरमैल बलजीत पहले से हत्या के एक मामले में आरोपी है। उसने अपने सगे बड़े भाई की सुआ से वार कर हत्या की थी।
पुणे में मजदूरी कर रहे थे यूपी के शूटर
सूत्रों के अनुसार, धर्मराज और शिवकुमार मजदूरी के लिए पुणे आए थे। शिवा पिछले 5-6 सालों से पुणे में एक स्क्रैप व्यापारी के यहां काम कर रहा था और कुछ महीने पहले उसने धर्मराज को भी काम के लिए बुलाया था। यहीं उनकी मुलाकात गुरमैल से कराई गई थी। हालांकि, क्राइम ब्रांच अब इस बात की जांच कर रही है कि ये तीनों पुणे से मुंबई कैसे पहुंचे और साजिश कैसे रची गई।