Muzaffarnagar में नकली नोटों की फैक्ट्री
उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर (Muzaffarnagar) में एक गिरोह लंबे समय से नकली नोट छापने और उन्हें बाजार में सप्लाई करने का काम कर रहा था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया और 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान 5.30 लाख रुपये की नकली करेंसी और नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी बरामद किए गए।
गिरफ्तारी कैसे हुई? : Muzaffarnagar fake currency
Muzaffarnagar News: एसपी देहात आदित्य बंसल ने जानकारी दी कि शहर कोतवाली पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने चुंगी नंबर दो के पास से बाइक सवार दो युवकों—गुड्डू और फारूख (निवासी मेरठ) को पकड़ा। जब उनकी तलाशी ली गई तो उनके पास से नकली नोट मिले। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि उनके अन्य साथी न्याजूपुरा में एक मकान में नकली नोट छाप रहे हैं।
छापेमारी और बड़ी बरामदगी
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए Muzaffarnagar के न्याजूपुरा स्थित मकान पर छापा मारा और वहां से तीन और लोगों—रितेश, सुगनु और अंकित (निवासी मेरठ) को गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस को 5.30 लाख रुपये की नकली करेंसी मिली, जिसमें 500 रुपये के 10 बंडल और 100 रुपये के 7 बंडल शामिल थे।
इसके अलावा मौके से नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे प्रिंटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, स्याही, नोट छापने वाला कागज और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए। गिरोह के दो सदस्य—रोहित और सचिन उर्फ जोनी—अभी फरार हैं।
कैसे करते थे नकली नोटों की डील? : Muzaffarnagar fake deal
Muzaffarnagar: गिरोह का तरीका बेहद शातिर था। ये लोग राह चलते लोगों को लालच देकर 25 हजार रुपये के बदले 1 लाख रुपये की नकली करेंसी देते थे। फरार आरोपी रोहित इस गिरोह का मास्टरमाइंड था और वही नकली नोट छापने के लिए जरूरी सामग्री—स्याही, पेपर, वाटरमार्क आदि—की व्यवस्था करता था।
कई जिलों में फैला था नेटवर्क
पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह मुज़फ्फरनगर (Muzaffarnagar) के अलावा आसपास के कई जिलों में नकली नोट सप्लाई कर रहा था। पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से गहराई से पूछताछ की जा रही है।
गिरोह में किसका क्या काम था?
• रितेश – नकली नोटों की डिजाइनिंग करता था।
• अंकित और निखिल – प्रिंटर से नोट छापने, वाटरमार्क लगाने और कटिंग का काम संभालते थे।
• सुगनु उर्फ आकाश – सप्लाई की व्यवस्था देखता था।
• रोहित (फरार) – गिरोह का मुख्य सरगना था और नकली नोटों की सामग्री जुटाता था।
बचने के लिए बदलते थे ठिकाने
पुलिस से बचने के लिए यह गिरोह बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहता था। कुछ दिन पहले ही इन्होंने न्याजूपुरा में एक मकान किराए पर लिया था, जहां बैठकर ये नकली नोट तैयार करते और अलग-अलग जिलों में सप्लाई करते थे।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
फरार आरोपियों रोहित और सचिन उर्फ जोनी की तलाश के लिए पुलिस ने विशेष टीम गठित कर दी है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह अंतरराज्यीय नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की उम्मीद है।
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