Narcissist वो इंसान होते हैं जो हर बात में हर चीज़ अपने आप को बीच में रखकर बड़ा दिखाने की कोशिश करें. ऐसे लोग दूसरों के प्रति कम सहानुभूति रखते हैं और ख़ुद की प्रशंसा कुछ ज़्यादा ही करते हैं. इसके अलावा ऐसे लोग अपने फायदे के लिए दूसरे लोगों का इस्तेमाल भी सबसे ज़्यादा करते हैं.
अमेरिका में एक अध्ययन में कहा गया कि 16 लोगों का एक समूह बनाइए और पूरी संभावना है कि उनमें से एक नार्सिसिस्ट हो. हालांकि थोड़ा बहुत आत्ममहत्व की प्रवृति कई लोगों में होती है लेकिन जब यह आत्ममहत्व अतिरंजित और दूसरों को पीड़ित करने लगता है तो यह एक डिसऑर्डर की कैटेगरी में आ जाता है जिसे NPD या (Narcisstic Personality Disorder) कहते हैं.
Narcissist इंसान की पहचान
कुछ लक्षणों के आधार पर इनकी पहचान की जा सकती है –
- सुपीरियरिटी कॉम्प्लेक्स – नार्सिसिस्टों (Narcissist) को लगता है कि वे विशेष और अद्वितीय हैं, और उनके आसपास के लोग, दुनिया के समस्त संसाधन उनकी सेवा के लिए हैं. वे अक्सर अपनी उपलब्धियों, प्रतिभाओं या महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और अपने विक्टिम का कॉन्फिडेंस तोड़ने का प्रयास करते हैं. उनकी self esteem ख़त्म कर देते हैं. अपमानित करते हैं और अपने दुर्व्यवहार के लिए भी उसे ही दोष देते हैं.
- आत्मकेंद्रित – नार्सिसिस्ट (Narcissist) लोग ज़्यादातर फ़ैसले स्वयं को केंद्र में रखकर लेते हैं कि वे किसी चीज़ के बारे में कैसा महसूस करते हैं. उनका कम्फ़र्ट, उनकी राय, उनका आराम ही अहम होना चाहिए. वह अपनी मर्जी के अनुसार आपको उपलब्ध होगा और उसकी मर्जी के अनुसार ही आपको उपलब्ध रहना होगा, चाहे आपको अपने कितने भी ज़रूरी काम हों.
और अगर आप उसके पहले बोले गए किसी झूठ को एक्सपोज करो तो साफ़ मुकर जायेगा और अपने तर्कों से या तो आपकी याददाश्त पर सवाल खड़ा कर देगा या फिर उस पर संदेह करने के जुर्म में आपको ही गिल्ट में ला देगा. - Brain game – नर्सिसिस्टस (Narcissist) ब्रेन गेम खेलने में माहिर होते हैं. दूसरों की मेंटल हेल्थ से खेलते हैं, और उनके मानसिक स्वास्थ्य को तहस नहस करके छोड़ते हैं. ये अपने विक्टिम की इमोशंस, हंसी, आंसू सब अपने कंट्रोल में रखना चाहते हैं. गैसलाइटिंग और मैनिपुलेशन इनके सबसे कॉमन टूल्स हैं. वो जानबूझकर दो ध्रुवीय अनुभव या कहें दो बिल्कुल विपरीत प्रकार की वास्तविकता का कन्फ्यूजन पैदा करते हैं. उनका व्यवहार अनिश्चित और अप्रत्याशित होता है. अचानक ही वे आपकी तारीफों के पुल बांध सकते हैं और अचानक ही आपको कमियों का पुलंदा घोषित कर देते हैं. इस वजह से पीड़ित को संज्ञानात्मक द्वंद्व जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है. यह एक अतिगंभीर मानसिक असमंजस की स्थिति होती है जो दो विपरीत अनुभवों के कारण पैदा होती है. पीड़ित को यह पता करना मुश्किल हो जाता है कि उनके रिश्ते में कौन सा अनुभव आभासी है और कौन सा वास्तविक.
- साइलेंट ट्रीटमेंट – कभी कभी बात करना बंद कर देते हैं. विक्टिम सोचता रहता है कि उससे बहुत बड़ी कोई गलती हो गई है, वह बिना की गई गलतियों के लिए भी माफ़ी मांगता रहता है. यह सब चीजें विक्टिम के आत्मविश्वास को तहस नहस कर देती हैं. नार्सिसिस्ट्स के साथ रहने वाले लोग अक्सर दुखी और नारकीय जीवन ही जीते हैं.
चूंकि मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है तो ओवरऑल हेल्थ भी ख़राब होती है. - संवेदनहीन– ऐसा व्यक्ति दूसरों की, यहां तक कि अपने प्रियजनों की भी भावनाओं, संवेदनाओं और विचारों के प्रति क्रूर और लापरवाह होता है. उसके द्वारा ऐसी बातें कहना आम है जो दूसरों को ठेस पहुंचा सकती हैं. वह दूसरों की भावनाओं, जरूरतों या इच्छाओं को कमजोरी के संकेत के रूप में देखता है और फ़ायदे के लिए उनका इस्तेमाल करता है.
- दूसरों से ईर्ष्या– एक नार्क बिना वजह ही दूसरों से ईर्ष्या करता है और सोचता यह है दूसरे उससे ईर्ष्या करते हैं. ये लंबे समय तक अपने विक्टिम को खुश नहीं देख सकते. कुछ न कुछ गेम खेलकर उसे रुला लेते हैं.
- एनपीडी वाले लोगों में द्विध्रुवी विकार (बाई पोलर डिसऑर्डर) भी आम है. ये कभी कभी अत्यधिक बहादुरी, अपने अनोखे आकर्षण और आत्मविश्वास से दुनिया जीत लेने के दावे करते हैं और कभी कभी स्वयं को पीड़ित, कमज़ोर और दुखी दर्शाते हैं कि दूसरों ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा.
- इस विकार से ग्रसित लोग किसी भी तरह की गलती स्वीकार नहीं करते. न ही कभी कोई अपराध बोध महसूस करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमेशा सही होते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि अधिकांश नार्सिसिस्ट कभी भी अपना व्यवहार नहीं बदलेंगे.
किसी व्यक्ति में ऊपर दिए गए लक्षणों में दो तीन से अधिक होने पर और इस सीमा तक कि साथ रहने वालों को जीवन हर समय घुटन, भ्रम, संदेह और समस्याओं भरा लगने लगे तो कहा जा सकता है वह व्यक्ति डिसऑर्डर से ग्रसित है.

Narcissist लोगों से कैसे बचें
- सबसे पहले तो यह स्वीकार करें कि नार्सिसिस्ट लोग कभी नहीं बदलते हैं और आप कितनी भी कोशिश कर लें ये आपके मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर ही भारी पड़ेगा. इन लोगों को मेंटल हेल्थ काउंसलिंग/साइकिएट्रिस्ट के पास ले जाना भी मुश्किल होता है क्योंकि इनका डॉमिनेंट नेचर होता है, वे मानते ही नहीं कि उनमें कोई कमी या समस्या है उलटा ऐसा प्रस्ताव रखने पर टॉर्चर और बढ़ सकता है.
इसलिए इनके साथ संबंध समाप्त करना ही सबसे अच्छा होता है. लेकिन हमेशा ये कर पाना संभव नहीं होता. मान लीजिए कोई फैमिली मेंबर है तब?? उसमें भी ऐसा सदस्य जिससे आप रिश्ते कट ऑफ नहीं कर सकते, तो नो रिएक्शन, least conversation वाली policy अपनाने की कोशिश करें. जितनी अधिकतम दूरी (वैचारिक और भौतिक) रख सकते हों, मेनटेन करें. - एन.पी.डी. के बारे में स्वयं को शिक्षित करें (सब लोग जान भी नहीं पाते कि उनके जीवन में इतनी समस्याएं इसलिए हैं क्योंकि वे नॉर्ससिस्ट के साथ रह रहे हैं.)
- नार्सिसिस्ट के साथ बातचीत में भावनात्मक रूप से प्रतिक्रिया किए बिना मुद्दे और तथ्यों पर ध्यान केंद्रित करें. किसी भी प्रकार की भावनात्मक प्रतिक्रिया नार्सिसिस्ट के लिए एक “पुरस्कार” है. नार्सिसिस्ट अक्सर जानबूझकर आपको गुस्सा दिलाते हैं, ताकि आप कोई प्रतिक्रिया दें. ये सब उनके खेल का हिस्सा है, और जब आप परेशान होते हैं तो वो जीत जाते हैं.
- स्पष्ट और सुसंगत सीमाएँ लागू करें. और उन सीमाओं को तोड़ने पर सवाल करें.
- इनके द्वारा किए गए वादों पर नहीं, तत्काल कार्रवाई पर जोर दें.
- बाहर कोई मददगार खोजें.
- अगर नार्सिसिस्ट आपके पिता, माता या फ्रेंड, भाई/बहन हैं जिनसे आप भौतिक रूप से दूर हैं फिर भी वो आपके जीवन में तबाही मचाए हुए हैं तो आप उनके कॉल या टेक्स्ट का जवाब देना बंद कर सकते हैं. यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो आप उनसे केवल सप्ताह में एक बार या महीने में एक बार बात करने का निर्णय ले सकते हैं. (पास ही रहने वालों के लिए no reaction least conversation)
- अगर आपका कोई सहकर्मी नार्सिसिस्ट है, तो उनके साथ अपनी बातचीत को केवल ऑफिस के काम तक ही सीमित करें.
- यदि आप एक नार्सिसिस्ट के साथ रोमांटिक रिश्ते में हैं, तो उसे छोड़ने से पहले बाहर निकलने की योजना बनाएं. समझें कि कौन से मौक़े बाहर निकलने के लिए सुरक्षित हैं. बाहर निकलने के बाद में आप कहाँ रहेंगे यह भी सुनिश्चित करें, और जब तक आप उसे छोड़कर निकल न जाएँ, तब तक उसे न बताएं कि आप उसे छोड़ने वाले हैं, ताकि वो आपको रोक न सके.
यहां एक ज़रूरी बात बताना चाहूंगी जब नार्सिसिस्ट नोटिस करता है कि उसका शिकार उसकी पकड़ से मुक्त होना शुरू हो गया है, तो वह उसे वापस जीतने की कोशिश करने लग जाता है. वो आपकी तारीफ करेगा और ऐसा महसूस कराएगा कि आप उसके लिए बहुत मायने रखते हैं. ये लव बॉम्बिंग करेंगे यानि बहुत ज्यादा प्यार दिखाना, ताकि आप अपना इरादा बदल दें. वो आपकी गतिविधियों पर नज़र रखने लगेगा, आपको आपके कनेक्शंस से अलग-थलग करने का प्रयास करेगा. आपको अपने आप पर और आपकी बनाई हुई सीमाओं पर डाउट करा सकता है, लेकिन ये सब उसकी गैसलाइटिंग और मेनिपुलेशन मात्र है. उसके साथ सतर्क रहें और अपनी दूरी बनाए रखें और अपनी व्यक्तिगत सीमाओं को लागू रखकर एस्केप प्लान पर काम करना जारी रखें. - कुछ लोग कहते हैं कि नॉर्क्स के साथ जैसे को तैसा करना चाहिए. उसके लिए मैं कहना चाहूंगी कि यह पॉसिबल नहीं होता है कि विक्टिम भी वैसा व्यवहार कर सके. यह तभी संभव है जब सामने वाला भी नार्क हो. लेकिन नर्सिस्ट अपने जैसे को कभी चंगुल में नहीं फंसाता (एक नार्क दूसरे नार्क के चंगुल में आता भी नहीं) वह हमेशा सबमिसिव कैरेक्टर ढूंढता है.
तो जितनी जल्दी पॉसिबल हो सके पैटर्न पहचानिए और sure होते ही “Beware, Aware and Run”
(क्योंकि जितनी देर होते जायेगी नार्क आसानी से आपको चंगुल से निकलने नहीं देगा, और कहीं ट्रॉमा बॉन्डिंग के कुचक्र में फंस गए तब तो रेस्क्यू बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि उस अवस्था में बाहर से मदद मिलने पर भी विक्टिम खुद ही निकलने से इन्कार कर देता है.)
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